
7 चरणों में मातृ रेखा की ऊर्जा को शुद्ध करने की प्रक्रिया
💗 7 चरणों में मातृ रेखा की ऊर्जा को शुद्ध करने की प्रक्रिया
यह ध्यान रात्रि में करें — विशेषकर अमावस्या या पूर्णिमा पर। दीपक, गुलाब की पंखुड़ियाँ, लाल रंग की चुनरी से स्थान को पवित्र बनाएं।
🌸 चरण 1: ग्राउंडिंग और मूलाधार चक्र सक्रिय करें
रीढ़ सीधी कर बैठें
गहरी साँस लें — कल्पना करें कि आपकी रीढ़ से लाल जड़ें धरती में जा रही हैं
कहें:
“मैं सुरक्षित हूँ। मैं जुड़ी हूँ। मैं समर्थ हूँ।”
🌸 चरण 2: मातृ रेखा को आमंत्रित करें
आँखें बंद कर के अपनी माँ की छवि सामने लाएं
फिर नानी, परनानी… एक पूरी पंक्ति — स्त्रियों की
कुछ मुस्कुराएंगी, कुछ रोएंगी — उन्हें प्रेमपूर्वक कहें:
“मैं आपको देखती हूँ। मैं आपके दर्द को महसूस करती हूँ। मैं आपको सम्मान देती हूँ।”
🌸 चरण 3: गर्भ पर प्रेमस्पर्श
दोनों हाथ नाभि के नीचे रखें (womb space)
सुनहरे प्रकाश की कल्पना करें जो हाथों से गर्भ में प्रवेश कर रहा है
कहें:
“प्रिय गर्भ, अब तुम वह नहीं संजोओगी जो तुम्हारा नहीं था।”
🌸 चरण 4: ऊर्जा विमोचन (Release)
आँसू, काँपना, पसीना — जो भी निकले, उसे रोकें नहीं
कहें:
“मैं यह दर्द पृथ्वी को लौटा रही हूँ। अनुभव को रखती हूँ, पीड़ा को मुक्त करती हूँ।”
🌸 चरण 5: गुलाब के फूल की कल्पना
गर्भ में एक गुलाबी गुलाब खिलता हुआ देखें
कहें:
“यह मेरी माताओं की प्रार्थना है — जो अब मुझमें खिल रही है।”
🌸 चरण 6: लाल धागा संस्कार
हाथ पर लाल धागा बांधें
मन में कहें:
“मैं उनके संघर्ष नहीं, शक्ति की उत्तराधिकारी हूँ।”
🌸 चरण 7: पुष्टि करें
“मैं मातृरेखा से प्रेमपूर्वक जुड़ी हूँ, पर अब उससे स्वतंत्र भी हूँ।”
“मेरा गर्भ शक्ति का मंदिर है — अब वह सृजन करेगा, सहन नहीं।”
🔮 यह हीलिंग आपकी धन–ऊर्जा और जीवन प्रवाह को कैसे बदलती है?
मूलाधार और गर्भ में जो ऊर्जा जमा होती है — वह आपके प्राप्त करने की क्षमता को प्रभावित करती है।
जब आप मातृ घावों को मुक्त करती हैं, तो:
पैसा, प्रेम, अवसर बिना रोके बहने लगते हैं
भावनात्मक स्थिरता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है
माँ, बेटी, स्त्रियों से संबंध सुधरते हैं
जीवन की गति में सरलता और संतुलन आता है
Leave a Reply